Friday, January 29, 2016

आ चले
...... चाँद के पहलू में 
बैठ कर 
...... चाँद से 
चाँद की बात करते हैं 

...... छुपा रखा है
जिन ख्वाबों को
....... उसने अपनी खामोशी में
उन ख्वाबों से
......... चल करके मुलाकात करते हैं.....
............... शब्द सरिता - सविता

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